दिन तो गुजर जाता है पर रात का क्या?
कहा था जो मैंने तुझसे कभी, उस बात का क्या?
आलम तो ये है रोज एक वादा करते थे वो
लेकिन वादा निभाते नहीं, उस बात का क्या?
दिन तो गुजर जाता है पर रात का क्या?
आग लगाने को तो वो दिल में लगा देते हैं
पर वो आग बुझाते नहीं, उस बात का क्या?
दिन तो गुजर जाता है पर रात का क्या?
सताना और तड़पाना ये फितरत में है उनकी
आंखें रो रो के बंद हो गर्इं, उस बात का क्या
दिन तो गुजर जाता है पर रात का क्या?
तुम्हे क्या, तुम हो एक आकाश बादल से
हम जो ठहरे एक ही जगह, उस बात का क्या?
दिन तो गुजर जाता है पर रात का क्या?
हरकतें तुम्हारी एक दिन मार डालेंगी मुझे
हम जीयें या मरें तुम्हारे लिए उस बात का क्या?
दिन तो गुजर जाता है पर रात का क्या?
एक दिन जो आएगा अगर हम तुमसे ना मिले
मिट जाएंगे हम फुरकत में, उस बात का क्या?
दिन तो गुजर जाता है पर रात का क्या?
तेवर हैं ऐसे जैसे कयामत ही ढाओगी
गुस्सा तो है बड़ा आशिकाना, उस बात का क्या?
दिन तो गुजर जाता है पर रात का क्या?
हसीनों की अदाएं तो बड़ी जालिम होती हैं
करती हैं घायल नजरों से, उस बात का क्या?
दिन तो गुजर जाता है पर रात का क्या?
वो बेचारा तो बस तड़पता ही रह गया
न जाने कब खाक हो गया, उस बात का क्या?
दिन तो गुजर जाता है पर रात का क्या?
मुहब्बत है मुझे उनसे, ये खबर है उन्हें
फिर भी परवाह न करें मेरी, उस बात का क्या?
दिन तो गुजर जाता है पर रात का क्या?
शान हो आजकल तुम हर महफिल की
हम तो रह गए बस तनहा, उस बात का क्या?
दिन तो गुजर जाता है पर रात का क्या?
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